Saturday 24 November 2012

जागरण के लिए आमंत्रण

जय गुरु जम्भेश्वर !                                                                                                ॐ विष्णवे नम:

आप सभी धर्म प्रेमी बंधुओ को हम गाँव रावत खेड़ा के निवासीगण प्रार्थना पूर्वक आमंत्रित करते हुए हर्ष का अनुभव करते है !
पिछले वर्ष की भांति आपके निकटवर्ती साथरी मंदिर रावत खेड़ा में श्री गुरु जम्भेश्वेर भगवान का रात्रि जागरण तारीख 30-11-2012 शुक्रवार को स्वामी कृपाचार्य अधिष्ठता ,श्री गुरु जम्भेश्वर बनी धाम मौलीसर बड़ा (चुरू ) की अध्यक्षता में आयोजित किया जा रहा है आप अवश्य परिवार जनों व मित्रो सहित पधारे ,महाराज जी के प्रवचनों को श्रवण मनन करके धर्म लाभ प्राप्त करते हुए हम रावत खेड़ा निवासियो को अनुग्रहित करे !

                                            कार्यक्रम :-
                                                            30-11-2012   को रात्रि जागरण रात्रि   8.00 बजे 
                                                            01-12-2012  हवन व प्रसाद वितरण सुबह 9.00 बजे 

                       आपके आगमन के आशावान ,धन्यवाद सहित
                                                      समस्त रावत खेड़ा निवासी !

Saturday 17 November 2012

बाला जी सेवा समिति,रावत खेड़ा

रावत खेड़ा गाँव में हर वर्ष  बाला जी सेवा समिति की और से सालासर जाने वाले पैदल यात्रियों के लिए भण्डारे का आयोजन किया जाता है !इसके अलावा गाँव में कई विकास कार्य भी समिति के द्वारा किये गये है !

Monday 12 November 2012

दीपावली की शुभकामनाये

दीपावली के पावन अवसर पर समस्त रावत खेड़ा ग्रामवासियों की और से दीपावली की हार्दिक शुभकामनाये  !  



गाँव रावत खेड़ा के बारे में !

आइये आपको रावत खेड़ा के इतिहास के बारे में अवगत करवाते है !
गाँव रावत खेड़ा का जम्भेश्वेर मंदिर केवल एक मात्र हरियाणा व् पंजाब की बिश्नोई आबादी का साथरी मंदिर है .यहाँ गाँव बसने से पहले गुरु जी देश में भ्रमण करते हुए हजुरी साधू संतो व् भक्तो की जमात सहित पधारे थे .
गाँव की  बसाहट पुरानी आबादी ऊँचे टीले पर ही रही थी .कालांतर में आबादी बढने पर नीचे स्थान पर बसाहट हुई .वर्तमान मंदिर ऊँचे टीले पर ही सिथित  है .

गाँव से पूर्व में दो फर्लांग पर पिपलिया नामक जोहड़ में पानी की उपलब्धता गुरु जी के यहाँ ठहरने का पर्मुख कारण रही थी .

तत्कालीन समय में सिवानी व  मंगाली दो पुराने आबाद गाँव थे इसलिए राजस्थान से जोड़ने वाला मार्ग सिवानी से होकर उपरोक्त पिपलिया जोहड़ से होते हुए मंगाली - हांसी आदि प्राचीन आबादी से जोड़ता था .इसलिए इसी मार्ग से गुजरते हुए आगे उत्तर परदेश तक भरमन गुरु महाराज के साहित्य में मिलता है .

गुरु महाराज ने यहाँ अपने साथियों के साथ विश्राम किया ,तो हवन नियम का भी पालन किया था .कुछ काल बाद गाँव बसाने वाले ठाकुर श्री रावत सिंह जी भादरा से नया गाँव बसाने की कामना लेकर यहाँ टीले पर पधारे .उनके पुरोहित को सवप्न में परम संत हवन करते दिखाई दिए  .उन्होंने सवप्न ठाकुर साहब को सुनाया तो इसी टीले पर गाँव बसाने का निर्णय हुआ .

नए पंथ के अनुयाई बिश्नोई बंधू भी यहाँ आए तो ठाकुर साहब के आग्रह पर गाँव में बस गए .सपने के संत की पहचान करते हुए बिश्नोई बंधुओ ने गुरु महाराज की पहचान की ,ये तो हमारे देव श्री गुरु जम्भेश्वेर जी है .तो राठोड़ वंसी ठाकुर साहब भी नशे आदि का त्याग करके सात्विक जीवन जीने लगे .शिकार करने वाली जातियों को भी गाँव में बसने भी नहीं दिया .
 इस साथरी को मान्यता देते हुए उन्होंने इसके बराबर कोई अन्य मंदिर या देवरा का निर्माण नहीं करवाया .

गाँव में बसने वाले राजपूत ,दर्जी ,कुम्हार ,सुथार ,बनिये व ब्राह्मण आदि जातियां भी गाँव बसने से आज तक इसी साथरी को मान्यता देती आई है .
कालांतर में महाजन गाँव के मालिक बने ,उन्होंने इस साथरी का सम्मान करते हुए कोई अन्य मंदिर नही बनवाया .
लम्बे समय से बिश्नोई समाज में मुकाम के बाद पुराने पंजाब में 84 गाँवो में बिश्नोइओ की आबादी थी इसलिए इसका मुकाम के बाद दूसरा स्थान था .यहाँ भियासर के महंतो से गद्दी परम्परा चली आई .अंतिम महंत जगदीश राम का देहांत लगभग 50 साल पहले हुआ था .इसके बाद गद्दी परम्परा बंद हो गई .

आज भी लोग मनोकामना पूर्ति के लिए रावत खेड़ा साथरी की धोक बोलते है  .कार्य सिद्ध होने पर धोक लगाने आते है .आज भी पडोसी गाँव के लोग अमावस्या पर साथरी पर धोक लगाने आते है .



बाकि का विवरण अगले अंक में आप के साथ शेयर करेंगे !

जय गुरु देव !


Sunday 11 November 2012

गुरु जम्भेश्वेर महाराज की चरण वंदना के साथ !
सभी रावत खेड़ा  ग्रामवासियो की और से आप सभी का स्वागत है .आने वाले समय में हम  समय -समय पर गाँव से सम्बंदित  नवीनतम जानकारी आप के साथ बांटते रहेगे .आशा है आप का सनेह सदेव हमारे साथ बना रहेगा .
धन्यवाद सहित समस्त ग्रामवासी !